शिरडी न्यूज़ : ०७ जुलाई २०२३ रंक हो या राजा हर किसी साई के दरबार में अपना सिर झुकाना ही पडता हे आज 07 जुलाई 2023 के दिन हमारी महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जो तीन दिन के महाराष्ट्र दौरे पर आयी हे उन्होंने आज शिरडी साई बाबा के दरबार में अपना माथा टेका।
क्या थी शिरडी और साई बाबा मंदिर में राष्ट्रपति की दिनचर्या।
माननीय राष्ट्रपतिजी द्रौपदी मुर्मू (Rashtrapati Droupadi Murmu In Shirdi) दोपहर 1 बजे के करीब शिरडी एयरपोर्ट पर दाखिल हुई ,वहा से शिरडी साई बाबा समाधी मंदिर पर गयी , समाधी मंदिर में उन्होंने साई की पूजा की और शिरडी माझे पंढरपुर आरती की और तक़रीबन आधा घंटा वो साई मंदिर में थी.
फिर साई समाधी मंदिर से वह साई संग्रहालय गयी जहा साई बाबा ने इस्तेमाल की गयी चीजे रखी गयी हे,
वहा से होकर उन्होंने साई बाबा ने जहा सबसे ज्यादा समय बिताया साई बाबा की चावडी द्रौपदी मुर्मू ने साई बाबा की चावड़ी के दर्शन किये और फिर वहा से साई प्रसादालय रवाना हो गयी।
प्रसादालय जाते समय रास्ते में वह कुछ नागरिको से भी मिली।
मा.महामहिम राष्ट्रपती महोदया श्रीमती द्रौपदी मुर्मू इन्होने श्री साईबाबा समाधी के दर्शन लिए व पाद्यपुजा भी की. इस मौके पर महाराष्ट्र के राज्यपाल राज्यपाल मा.श्री.रमेश बैस, पालकमंत्री मा.ना.राधाकृष्ण विखे पाटील, खा. सदाशिव लोखंडे, संस्थानके तदर्थ समितीके अध्यक्ष तथा प्रधान जिल्हा व सत्र न्यायाधिश सुधाकर यार्लगड्डा, तदर्थ समितीके सदस्य तथा जिल्हाधिकारी श्री.सिध्दाराम सालीमठ, मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी.शिवा शंकर आदी उपस्थित थे।
उसके आलावा (Rashtrapati Droupadi Murmu In Shirdi)उन्होंने शिरडी श्री साई प्रसादालय में साई बाबा का प्रसाद ग्रहण भी किया और वहा से फिर अपने आगे के दौरे के लिए रवाना हुई।
सुरक्षा के लिए इतनी सारी सुरक्षाबल।
शिरडी श्री साईं बाबा के दर्शन का महत्व भारतीय समाज में बहुत अधिक है। लाखों लोग इस धार्मिक स्थल को प्रतिवर्ष आते हैं और इसकी साधना और आशीर्वाद के लिए उनका विश्वास प्रशंसायोग्य है। इसलिए, महामहिम द्रौपदी मुरमू ने अपने शिरडी दौरे को संपन्न करने का निर्णय लिया और उसे प्राथमिकता दी।
शिरडी में बहुत सारे मंदिर, आश्रम और धार्मिक स्थल होने के कारण, इस धार्मिक यात्रा की सुरक्षा महत्वपूर्ण होती है। सुरक्षा एजेंसियों ने इस दौरे के लिए विशेष योजना तैयार की थी और इसकी व्यवस्था अत्यंत उत्तम रही। पुलिस बल, सुरक्षा दल और अन्य संबंधित दलों ने एक संगठित रूप से मिलकर इस यात्रा की सुरक्षा सुनिश्चित की।
इस सुरक्षा बलों में कुल १७० अधिकारी शामिल थे , ७ जिला पुलिस अधीक्षक और ११०० पुलिस कर्मचारी भी द्रौपदी मुर्मू की सुरक्षा में तैनात थे।